विकास

चल हट

सुना उस पहाड़ के नीचे ताम्बे का भंडार मिला है जिसे निकालना देश के विकास के लिए जरूरी है। वैसे यह विकास कबीर ने कभी नहीं माँगा। माँग कर करता भी क्या? विकास इतना गतिवान होता ही नहीं की दूर दराज़ के इलाकों तक पहुँच सके।

टाई वाला

अमूमन हर झाम का केंद्र टाई वाले होते हैं। वे दिखते नहीं हैं, पर होते हैं! उन सभी झामों में भी जिन्हें देख कर लगता नहीं की टाई वाले ऐसा कर सकते हैं। समय मिले तो सोचिएगा – क्या बिना टाई पहने संभव है इतना कुछ?

चिरस्थायी समृद्धि का मूल मंत्र

समृद्धि एक ऐसा हाथी है जिसे सब अपने नजरिए से देखते हैं। पर अंततः नजरिया उसका जीतता है जिसके पास अपना नज़रिया पेश करने व सामूहिक रूप से प्रेषित करने का बल बूता होता है, चाहे वो नजरिया कितना भी संकीर्ण क्यों न हो!