बच्चे

हार जाना तुम मेरी आँखों के तारे

बच्चों की होमस्कूलिंग हमारे लिए एक अभूतपूर्व निर्णय था। बच्चे भी हमारे इस निर्णय का औचित्य समझ नहीं पा रहे थे। ऐसे में मैंने होमस्कूलिंग पर एक कविता लिखी जो हमें याद दिलाती रहे कि जो हम कर रहे है वो क्यों कर रहे हैं।

बच्चों के बाबत

खलील गिबरान की एक मशहूर कविता है ‘ऑन चिल्ड्रन’। यह कविता दीप्ति व मेरी तब भी प्रिय थी जब हम माता पिता नहीं बने थे, और आज भी है। जब भी मन संशय में होता है तो हम इसे पढ़ लेते हैं। कविता का यह हिन्दी अनुवाद इसलिए ताकि आवाज़ दूर तक जा सके।