पहाड़

शुन्य की आबादी वाले गाँव की अकेली नदी

पहाड़ों में सफर करते हुए कई बार ऐसे गाँव दिखाई पड़ जाते हैं जो होते भी हैं और नहीं भी। क्षतिग्रस्त मकानों और बंजर खेतों वाले इन पगडंडी विहीन गाँवों को देख कर लगता है मानो उनका समय अतीत में कहीं थम सा गया है।

किसका पहाड़

पहाड़ भी महज एक कोना ही तो है इस संसार का। उसे भी दुनिया वैसी ही दिखाई देती है जैसी बाकि सब को। इसीलिए पहाड़ भी वक्त जाया करता है इस संवाद में कि यह जमीन किसकी है, यह संस्कृति किसकी है…